गाँधी जयंती गुज़री ही है. यह किंचित सुखद आश्चर्य की बात है कि गाँधी में अभी भी नौजवानों की दिलचस्पी बनी हुई है.उनके जन्मदिन के पहले महू के तीन मुसलमान नौजवान आए जो गाँधी के बारे फैली भ्रांतियों पर बात करना चाहते थे. उनके पास जो सवाल थे वे ही सवाल मैंने देश के अलग-अलग […]
via गाँधी जो अपने ही देश में अफवाह बन गए हैं — अपूर्वानंद Apoorvanand : अप्रासंगिक Aprasangik