झुकी झुकी सी नजर – कैफि आजमी

झुकी झुकी सी नज़र बेक़रार है कि नहीं दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं तू अपने दिल की जवाँ धड़कनों को गिन के बता मेरी तरह तेरा दिल बेक़रार है कि नहीं वो पल के जिस में मुहब्बत जवान होती है उस एक पल का तुझे इंतज़ार है कि नहीं तेरी… Continue reading झुकी झुकी सी नजर – कैफि आजमी

धूप मायूस लौट जाती है…. – बशीर बद्र

ग़ज़ल: बशीर बद्र खुद को इतना भी मत बचाया कर, बारिशें हो तो भीग जाया कर. चाँद लाकर कोई नहीं देगा, अपने चेहरे से जगमगाया कर. दर्द हीरा है, दर्द मोती है, दर्द आँखों से मत बहाया कर. काम ले कुछ हसीन होंठो से, बातों-बातों में मुस्कुराया कर. धूप मायूस लौट जाती है, छत पे […]… Continue reading धूप मायूस लौट जाती है…. – बशीर बद्र