देश को देश ही रहने दो…

March 24, 2019 by Manju Mishra     

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देश मेरी तुम्हारी या किसी की जागीर नहीं है

देश कागज पर कोई खींचीं हुई लकीर नहीं है 

देश न ही कुछ मुट्ठी भर लोगों की विरासत है

देश न ही केवल और केवल बस सियासत है

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देश वो मिटटी है जो गढ़ती है हमें रचती है 

देश वो खुश्बू है जो रग – रग में बसती है  

देश वो नाम है जो दुनिया में नाम देता है 

देश ही तो है जो एक पहचान हमें देता है 

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देश की माटी को अब यूँ न लजाओ 

देश के नाम पर अपनों का ही खूं न बहाओ  

देश के नाम पर अपने मतलब न सधाओ

देश को देश ही रहने दो खिलौना न बनाओ

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