अब कोई नहीं रहता !!

सुंदर कविता

मेरी कलम से...


मेरे दिल में…
अब कोई नहीं रहता !!
दस्तकें होती हैं, लेकिन
चुप ये रहता है,
ये उनसे कुछ नहीं कहता…
मेरे दिल में अब कोई नहीं रहता !!
खामोशी वहां रहती है,
जहाँ शोर था कभी मचता…
खुशियां बहती थीं पहले तो,
बस अब सिर्फ खून है बहता…
मेरे दिल में अब कोई नहीं रहता !!
दीवारें अब मैली हैं…
यादों की धूल जो फैली है…
कमजोर नहीं था दिल मेरा भी !!
पर कबतक वो यूँही सहता !!
मेरे दिल में अब कोई नहीं रहता !!
अँधेरे ही अँधेरे अब दिखने लगे हैं,
क़दमों के निशाँ थे जो, अब मिटने लगें हैं…
चहल-पहल रहती पहले तो !!
अब क्यों !! आहत से भी है डरता ??
मेरे दिल में अब कोई नहीं रहता !!
मेरे दिल में…
अब कोई नहीं रहता !!
20160913_142614


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